Thursday, February 4, 2021

जीएमआरडी कॉलेज में नये प्रधानाचार्य का पदस्थापन और प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम राय का विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग में स्थानांतरण एवं योगदान

शाहपुर पटोरी/समस्तीपुर ।ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा तीन फरवरी को जारी अधिसूचना के अनुपालनार्थ चार प्रधानाचार्यों का स्थानांतरण किया गया। स्थानीय जी एम आर डी कॉलेज, मोहनपुर  में महारानी कल्याणी कॉलेज, लहेरियासराय में पदस्थापित प्रधानाचार्य डॉ रमेश यादव का पदस्थापन किया गया है। 
        विदित हो डॉ घनश्याम राय 16 मई 2018 से प्रभारी प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत थे। कमीशंड प्रधानाचार्य की पदस्थापन के पश्चात डॉ राय ने चार फरवरी को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह से मिलकर अपना स्थानांतरण विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में एपीआई के साथ अनुरोध किया। कुलपति ने डॉ राय के आवेदन और एपीआई के साथ दावेदारी  पर तत्काल त्वरित कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग में स्थानांतरण करने की अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया। डॉ राय ने चार फरवरी को हीं अपना योगदान विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेन्द्र नारायण के समक्ष दिया। योगदान के समय विभाग के प्राध्यापक प्रोफेसर मुनेश्वर यादव सहित अन्य प्राध्यापकगण उपस्थित थे। 
         ज्ञातव्य हो डॉ राय ने जुलाई 2003 में अपना सर्वप्रथम योगदान राजनीति विज्ञान विभाग,जी एम आर डी कॉलेज, मोहनपुर में दिया था। इस बीच 2016 में कुछ दिनों के लिए विश्वविद्यालय में तत्कालीन कुलपति के आदेश पर  लाइजन ऑफिसर सह इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेजेज (आर्ट्स एण्ड सायंस) के पद पर भी कार्य किए थे। जीएमआरडी कॉलेज से इतना लगाव था कि उन्होंने विश्वविद्यालय के पदाधिकारी पद से विरमित होकर पुनः महाविद्यालय में योगदान दिया। उन्होंने अपने बतीस महीनों के प्रधानाचार्य के कार्यकाल में महाविद्यालय के विकास के लिए अथक प्रयास किया। तीन विधानपार्षदों और एक पूर्व विधायक के ऐच्छिक कोष से चारों तरफ पक्की सड़क,भवन व कलामंच का निर्माण करवाया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से सभी पंचवर्षीय योजनाओं का सामंजन करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर बकाया राशि से महाविद्यालय का जीर्णोद्धार करवाया। इनके कार्यकाल में छात्रों की संख्याओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। लॉकडावन में महाविद्यालय के बेवसाइट्स से दर्जनों राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किए गए। वैश्विक महामारी के कारण  छात्र छात्राओं की सुविधा हेतु पिछड़ा और ग्रामीण क्षेत्र में स्थित महाविद्यालय में ऑनलाइन नामांकन, फार्म भरवाना शुरू करवाया। महाविद्यालय के जीर्णशीर्ण भवनों का निर्माण कराया। चाहरदीवारी बनवाया। प्रधानाचार्य कक्ष, गोल्डेन जुबली भवन, लेवोरेटरी आदि अनेक कार्यों को कुशलतापूर्वक संपन्न किया। उनके द्वारा किए गए सभी विकासात्मक प्रयास आनेवाले दिनों में महाविद्यालय के इतिहास में मील के पत्थर साबित होंगे।।



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